• 28 Apr, 2025

एक देश एक चुनाव -लागू करने तीन विधेयक लाने की तैयारी..

एक देश एक चुनाव -लागू करने तीन विधेयक लाने की तैयारी..

● कैबिनेट ने सितंबर की शुरुआत में ही रामनाथ कोविंद कमेटी की सिफारिशें स्वीकार कर ली थीं ● पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव, दूसरे में स्थानीय निकाय के चुनाव की सिफारिश

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल  ने सितंबर की शुरुआत में ही रामनाथ कोविंद कमेटी की वन नेशन वन इलेक्शन संबंधी सिफारिशें स्वीकार कर ली थीं। सरकार अब अपनी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन करने पर विचार कर  रही है।  सरकार वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन समेत तीन विधेयक लाने की तैयारी में है।

   प्रस्तावित  संविधान संशोधन विधेयकों में से एक स्थानीय निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ संरेखित करने से संबंधित है। कहा गया है कि इसके लिए कम से कम 50 फीसदी राज्यों की सहमति की जरूरत होगी। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि प्रस्तावित पहला संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने को लेकर है। 

1. एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं को भंग करने वाला विधेयक ….

उच्च स्तरीय समितियों का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में अनुच्छेद 32 ए में संशोधन करने की कोशिश की जाएगी। इसमें नियत तिथि से संबंधित उपखंड -(1) को जोड़ा जाएगा। इसमें अनुच्छेद 82 ए में उपखंड ( 2 ) जोड़ने की कोशिश भी की जाएगी। जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल के अंत से संबंधित है। इस संविधान संशोधन में अनुच्छेद 82 (2 ) में संशोधन करने तथा लोकसभा की अवधि और विघटन से संबंधित नए उपखंड (3) और (4) सम्मिलित करने का भी प्रस्ताव है।  इसमें विधानसभाओं के विघटन से संबंधित प्रस्ताव भी शामिल किये गए हैं तथा अनुच्छेद 327 में संशोधन करके  एक साथ चुनाव शब्द सम्मिलित करने का प्रावधान किया जा सकता है। सिफारिश में कहा गया है कि इस विधेयक को 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।

2. दूसरे विधेयक के लिए 50 फीसदी राज्यों की सहमति जरूरी…

प्रस्तावित दूसरे संविधान संंशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के समर्थन की जरूरत होगी क्योंकि यह राज्य मामलोंं से संबंधित है। इस विधेयक के जरिये स्थानीय निकायों के चुनावों को लेकर मतदाता सूची तैयार की जाएगी जिसके लिए चुनाव आयोग (ईसी) को राज्य चुनाव आयोग ( एसईसी) के साथ मिलकर परामर्श करना होगा। जिसके बाद ही ईसी इन्हें लेकर मतदाता सूची तैयार करेगा। संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग अलग -अलग निकाय हैं। चुनाव आयोग राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के लिए चुनाव कराता है जबकि एसईसी राज्य चुनाव आयोग को नगर पालिकाओं, पंंचायतों जैसे स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का अधिकार है। प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन विधेयक में एक नया अनुच्छेद 324 ए जोड़कर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव के साथ -साथ नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान किया जाएगा।

3. तीसरा विधेयक -

तीसरा विधेयक एक साधारण विधेयक होगा। जो विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों जैसे पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू -कश्मीर से संंबंधित होगा। जो तीन कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करेगा। ताकि इन सदनों की शर्तों को अन्य विधानसभाओं और लोकसभा के साथ संंरेखित किया जा सके। जिसे पहले संविधान संशोधन विधेयक में प्रस्तावित किया गया है।  इनमें जिन कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव है वे हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 , केन्द्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम 1963  और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 । प्रस्ताविक अधिनियम एक साधारण कानून होगा और जिसके लिए संविधान में बदलाव की आवश्यकता नहीं होगी और राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की भी जरूरत नहीं होगी। उच्च स्तरीय समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन करने , मौजूदा  अनुच्छेदों में 12 नए उप खंडों को शामिल करने और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में फेरबदल करने का प्रस्ताव दिया है। एक देश एक चुनाव के लिए  संविधान में संशोधन और नए संम्मिलनों की कुल संख्या 18 है।