• 28 Apr, 2025

मोबाइल पर बिना नेट लाइव टीवी चैनल, ओटीटी देने की तैयारी...

मोबाइल पर बिना नेट लाइव टीवी चैनल, ओटीटी देने की तैयारी...

डी2 एमः 80 करोड़ स्मार्टफोन तक पहुंचने की योजना

नई दिल्ली।  तकनीक के विकास के साथ-साथ एक ओर हमारा जीवन कुछ और सुविधाओं से सम्पन्न होता है तो उसके उलट जटिलताएं भी बढ़ जातीं हैं। हाल ही में कोशिश हो रही है कि जिस तरह बिना इंटरनेट के घर पर टीवी चैनल्स का आनंद लेते हैं ठीक वैसे ही मोबाइल फोन पर भी ले सकेंगे। बहुत ही किफायती दाम पर हम ओटीटी कंटेंट देख सकेंगे वो भी बिना किसी तरह का डेटा खर्च किए हुए। यानी जहां इंटरनेट नहीं है वहां भी मल्टी मीडिया कंटेट पहुंच जाएगा।  यह सब संभव होगा डायरेक्ट टू मोबाइल यानी डी 2 एम तकनीक के जरिये।  यह तकनीक डी टू एच की तरह है। 
   उल्लेखनीय है कि इसको संभव बनाने के लिए केन्द्रीय दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी कानपुर की टीम ने काम भी शुरू कर दिया है। कहा गया है कि यह टीम अगस्त के दूसरे हफ्ते तक संभवतः इस तकनीक की व्यवहारिकता पर दूरसंचार ऑपरेटरों से बात करगी।  सरकार इसे नई पीढ़ी की प्रसारण तकनीक बता रही है।
 कहा जा रहा है कि अगले साल देश में आम चुनाव होने हैं और ऐसे में इस तकनीक का भरपूर इस्तेमाल करना संभव  बनाने के लिए मोबाइल फोन को डीटीएम ( डायरेक्ट टू मोबाइल) यानी सीधे मोबाइल फोन से जोड़ने का प्रयास किया जाएंगे।

  • डी 2 एम किस तरह काम करेगा

यह तकनीक ब्राडबैंड और ब्राडकास्ट के मिश्रण की तरह है।  मोबाइल पर जिस तकनीक से एफएम रेडियो प्रसारित होता है, डी2 एम ठीक वैसी ही है।  फोन में लगा रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ेगा। इसके लिए 526- 582 मेगाहर्ट्ज बैड का प्रयोग  करने की तैयारी है। इस बैंड का उपयोग अभी टीवी ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है। 

  • फोन जरूरी हो जाएगा... 

एक आकड़े के मुताबिक देश में 21 से 22  करोड़ परिवारों में टीवी सेट्स लगे हैं। वहीं स्मार्ट फोन के 80 करोड़ से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले हैं और इनकी संख्या 2026 तक एक अरब हो जाने की उम्मीद जताई गई है। जाहिर है ऐसे में सरकार टीवी कंटेंट को ज्यादा लोगों तक भेजने के लिए मोबाइल को सबसे बड़ा प्लेटफार्म मान रही है। सरकार इसमें मुख्यतः शिक्षा और इमरजेंसी सेवाओं का प्रसारण करना चाहती है।
 

  • ढेर सारा कंटेंट फ्री मिलने लगेगा ...

अभी जून में ही आईआईटी कानपुर ने देश में डी2 एच प्रसारण और 5 जी कंजर्वेंस रोड मैप पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित किया था । इसमें कहा गया कि प्रसारणकर्ता डी2एम नेटवर्क से क्षेत्रीय टीवी, रेडियो, शैक्षणिक कंटेंट, इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम, आपदा से जुड़ी जरूरी सूचनाएं, वीडियो के अलावा डेटा से चलने वाले एप की सुविधा दे पाएंगे। उक्त एप बिना इंटरनेट के चलेंगे और इसकी खास बात होगी की इसकी कीमत भी कम देनी होगी। 
 

  • मोबाइल ऑपरेटरों को मनाना सबसे बड़ी चुनौती
  • मोबाइल ऑपरेटर विरोध कर सकते हैं। क्योंकि डी2एम से ऑपरेटरों का डेटा रेवेन्यू प्रभावित होना तय है। उनका 80 फीसदी ट्रैफिक सिर्फ वीडियो से आता है। 
  • द. कोरिया 2005 तो हांगकांग और जर्मनी 2006 में डी2 एम जैसे तकनीक लांच कर चुका है- जिसका नाम उन्होंने मोबाइल टेलीविजन रखा था।