• 28 Apr, 2025

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पकवान फायबर और आयरन से भरपूर

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पकवान फायबर और आयरन से भरपूर

रायपुर।  तीज पर्व छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्व है और इस अवसर पर बनाये जाने वाले पकवान की अलग ही छटा होती है। सुस्वादु  स्थानीय पकवान अब तो बाहर भी पंसद किये दाने लगे हैं। हरितालिका तीज पर्व के आते आते सितंबर में इन पकवानों को तैयार करने की तैयारी शुरू हो जाती है। इस दौरान छत्तीगगढ़ी ठेठरी, खुरमी, बीरिया,  पपची और छींट लड्डू खास तौर पर घर-घर में बनाए जाते हैं। यहां की प्रमुख फसल धान होने के कारण ज्यादातर पकवान चावल और उसके आटे से ही तैयार करने का चलन है।

इसमें बेसन और गेहूं का आटा मिलाया जाता है। इसकी अपनी ही पौष्टिकता है। मीठे पकवानों में मिठास के लिए शक्कर की जगह गुड इस्तेमाल किया जाता है जो यहां दूरस्थ अंचलों में ही स्थानीय स्तर पर गन्ना उत्पादन होने के कारण गांवों में ही तैयार किये जाते हैं। गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत है इसलिए इसे ही पकवान में शामिल करने की परंपरा रही है। ज्यादातर पकवान में दरदरे गेंंहू के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह तैयार किए आटे में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है।

छत्तीसगढ़ में सिंतबर आते ही गणेशोत्सव के साथ ही पर्वों की श्रृंखला शुरू हो जाती है। त्योहारों में गेंहू के आटे में गुड़ मिलाकर बनाए जाने वाले पकवान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं और गुलाबी ठंड के दिनों में होने वाले त्योहारों में शरीर के तापमान को मौसम के अनुकूल रखने में भी मदद करते हैं।

छत्तसीगढ़  में रायपुर के डिग्री गर्ल्स कॉलेज की आहार विशेषज्ञ डॉ अभया जोगलेकर, छत्तीसगढ़ पकवान एक्सपर्ट रत्ना मिश्रा,डॉ रूबी शुक्ला, सुनीति वर्मा ने इन सुस्वादु पकवानों के बारे में जानकारी दी।

(1) ठेठरी-
 

ठेठरी


ठेठरी छत्तीसगढ़ में पारंपरिक पकवान है जिसे बहुत पसंद किया जाता है। इसकी आकृति ही सबसे पहले आकर्षित करती है ऊपर से इसका क्रिस्पी और नमकीन स्वाद आमंत्रित करता है। इसे मोटे बेसन से बनाया जाता है। इसमें नमक, मिर्च औऱ अजवाइन प्रमुख इनग्रेडियेंट होते हैं। बारिश के मौसम का सुपर फूड बेसन को माना जाता है। तीजा -पोला का पारंपरिक त्यौहार बारिश के दिनों में ही आता है । यह फाइबर युक्त होने के कारण पाचन क्रिया दुरुस्त करता है। छ्त्तीसगढ़ में तीज पर्व पर निर्जला उपवास रखा जाता है और ऐसे में उपवास तोड़ने के लिए इसे खाया जाता है।

(2) खुरमी
 

खुरमी


इसे दरदरे गेहूं के आटे  और गुड़ के मोवन से बनाया जाता है। गुड के कारण आयरन औऱ गेहूं आटे से फायबर और फोलिक एसिड सहित अन्य मिनरल युक्त तत्वों की पूर्ति इस पकवान से होती है। इसी एनर्जी फूड माना जाता है। इसमें एंटी एसिड के रूप में सौंप भी मिलाया जाता है जो इसके स्वाद में इजाफा करता है साथ ही हमें क्षारीय गुण होने के कारण मीठे पकवानों से पैदा होने वाली स्वाभाविक अम्लीयता से बचाता है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है।

(3) पीड़िया
 

पीड़िया


चावल के आटे से बनाया जाने वाला पीड़िया भी अत्यधिक गुणकारी है। इसे ग्लूटन फ्री खाद्य में शामिल किया जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट ले भरपूर होने के कारण भूख को नियंत्रण में रखता है। चावल के आटे में पहले दही मिलाकर इसे गूंथा जाता है । दही इसे विटाविन डी और कैल्शियम रिच बना देता है। जिससे हड्डियों को पोषण मिलता है। इसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन होने के कारण देर तक भूख नहीं लगती । इसे हाथ से ही पारंपरिक रूप से बनाने का चलन है पर अब इसके लिए बाजार  में सांचे भी उपलब्ध हैं। उपरोक्त विधि से बनाए गए इसके मिश्रण पहले हाथ से ही या फिर सांचे से गिल्ली का रूप दिया जाता है। निर्धारित आकार में बनाने के बाद इसे सुखा लिया जाता है फिर इसे शक्कर के  गुनगुने शीरे में डाला जाता है जिससे  इस पर एक ग्लासी परत बन जाती है जो दिखने में आकर्षक होता है फिर इसे हल्के गीले रहने पर ही इसमें नारियल का बूरा डाला जाता है। जिससे यह और भी सुंदर दिखता है और स्वादिष्ट भी होता है।  इन दिनों ये महिलाओं के बहुत से स्व सहायता समूहों द्वारा भी बनाया जा रहा है और वही से इसकी मार्केटिंग भी होती है।

(4) ऐसे बनाएं पीडिया-

एक किलो चावल के आटे में एक पाव दही डालकर घी का मोयन डालकर आटा गूंथ कर तैयार कर लेते हैं इसके बाद इसे घी में सेव की तरह तला जाता है। इसके ठंडा होने पर इस तरह तैयार सेव को ठंडा होने पर मिक्सर में दरदरा पीस लिया जाता है। इस तरह तैयार पावडर या पेस्ट में 200 पीसी चीनी मिलाकर हथेली में रख कर गिल्ली की आकृति में तैयार कर लिया जाता है। इसके लिए दो तार के गुड़ की चाशनी तैयार कर ली जाती है। इस तरह तैयार शीरे में पीडिया को ठंडा होने पर डाला जाता है जिससे यह ग्लासकोटेड पीडिया की तरह दिखाई देता है। इसके गीले रहने की अवस्था में ही इन्हें  नारियल के बूरे से सुंदर बनाने के लिए गार्निश भी कर दिया जाता है।  यह खाने में स्वादिष्ट होता है।