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● 60 से अधिक शादियों में दे चुके हैं परफार्मेंस ● कोलकाता तक की शादियों में इनकी मांग हो रही है
गुआहाटी ( निरंतर पहल ) । महिला सशक्तिकरण के देशभर में सरकारी स्तर पर तो कितने ही कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। कितने ही सेल्फ हेल्प ग्रुप चल रहे हैं। स्व सहायता समूह की हर क्षेत्र में पहुंच हो रही है। इसी बीच पूर्वांचल के राज्य असम में महिलाओं के एक अलग ही तरह के म्यूजिक बैंड की धूम मची हुई है। नाम है 'दक्षिणा अग्रगामी सिस्टर म्यूजिक बैंड'। अब तक शादी ब्याह के मौकों पर पुरुषों के ही पारंपरिक बैंड सुनने को मिलते थे पर यहां इन दिनोंअसम में युवा महिलाओं के बैंड की शादियों की पार्टियों में ओवर बुकिंग हो रही है।
बैंड में असम के पारंपरिक बिहू की पोशाक पहले किशोरियों और युवतियों शादी -ब्याह के समारोहों में मस्ती से झूमती बैंड बजाती दीख रही हैं। यह यहां की संस्कृति में अपारंपरिक होने के कारण इनकी बहुत मांग भी है । यह बैंड दस महीने पहले असम के कामरूप जिले में गठित किया गया था। इसमें लाल पोशाक से सजी महिलाएं सम्पूर्ण असमी पारंपरिक पोशाक और जेवर से सजी हुई कानों में सुंगर कर्ण फूल और चेहरों पर प्यारी सी मुस्कान लिए समारोहों के अनुकूल -ढोल, ताल, ड्रम आदि वाद्य यंत्रों पर हाथ थिरकाती हुई विविध गीत प्रस्तुत करती हैं।
महिलाओं का यह बैंड अब तक 60 से भी अधिक शादियों में मोहक और प्रभावशाली संगीतमय प्रस्तुतियां दे चुका है। इन्हें केवल असम ही नहीं बल्कि असम से बाहर कोलकाता में भी शादियों के दौरान बुकिंग मिल रही है। असम के बाहर भी इनकी कीर्ति तेजी से फैल रही है। कोलकाता के बाद देश के दूसरे हिस्सों से भी इनकी मांग होने लगी है। यहां तक कि अब तो भारत से बाहर जाने वाले और प्रवासियों तक में इनकी प्रशंसा हो रही है।
महिलाएं मंजीरों और बिगुल में थिरकती रहती हैं और पुरुष भी सफेद पगड़ी और असम के पारंपरिक पोशाक में ढोलको पर लोकगीक की धुन बजाते हैं। इस बैंड में जो मूलतः महिलाओं के नाम से स्थापित है पुरुष इनके साथ जुगलबंदी में मदद करते हैं।
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