अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
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• फैसला विशेष बैठक में, कांग्रेस ने कहा संकीर्ण सोच का परिणाम, सोसायटी का तर्क लोकतंत्र में गहरी आस्था का प्रतीक
नई दिल्ली। इतिहास के अध्याय बदलने के साथ ही पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली में देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरु का सरकारी निवास जो बाद में नेहरू मेमोरियल बना दिया गया था उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री संग्रहालय कर दिया गया। केन्द्र सरकार ने तीन मूर्ति भवन परिसर में नेहरू मेरोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी ( एनएमएमएल ) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कर दिया। नाम बदलने से नाराज कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने इसे प्रतिशोध और संकीर्ण सोच का नतीजा बताया है।
नाम बदलने से पहले सोसायटी की विशेष बैठक बुलाई गई थी जिसमें नाम बदलने का फैसला किया गया। बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री व सोसाइटी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने की। यह जानकारी संस्कृति मंत्रालय ने दी। उन्होंने नाम बदलने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यह संस्थान जवाहर लाल नेहरु से लेकर नरेन्द्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के प्रति अपनी प्रतिक्रियाओं को प्रदर्शित करता है। वहीं कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय देश के लोकतंत्र के प्रति गहरी प्रतिबध्दता व्यक्त करता है, इसलिए संस्था का नाम अपने नए रूप को प्रतिबिंबित करना चाहिए। इसकारण भी बदलाव जरूरी है। इसमें अब एक संग्रहालय भी शामिल है जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और राष्ट्र निर्माण में हर प्रधानमंत्री के योगदान को उजागर करता है।
निधन होने तक तीन मूर्ति भवन में रहे
पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू अपने निधन होने तक करीब 16 साल इसी तीन मूर्ति भवन में रहे। आजादी का अमृत महोत्सव वेबसाइट के मुताबिक सरकार ने उनकी मृत्यु के बाद इस भव्य बंगले को स्मारक में बदलने का फैसला किया। 1964 में पं. नेहरु की 75 वीं जयंती पर उच्च शिक्षा शोध को प्रोत्साहित करने के लिए उक्त भवन को संग्रहालय और पुस्तकालय के लिए समर्पित किया गया था । इसी के बाद इसके प्रबंधन के लिए एक स्वायत्त निकाय के रूप में सोसाइटी अस्तित्व में आई।
प्रतिकियाएं –
सरकार ने कहा लोकतांत्रिक, विपक्ष ने कहा तानाशाही
सभी पूर्व पीएम का सम्मानः राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न प्रधानमंत्रियों की तुलना इंद्रधनुष से करते हुए जोर दिया कि इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसमें सभी रंगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। यह हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान है और पूरी तरह से लोकतांत्रिक भी है।
दूसरों का इतिहास मिटा रहेः खरगे
कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष ने नाम बदलने को भाजपा-संघ की छोटी मानसिकता और तानाशाही रवैया बताया। श्री खरगे ने कहा कि नेहरू के महान योगदान को वे कभी कम नहीं कर सकते। पार्टी अघ्यक्ष खरगे ने कहा जिनका कोई इतिहास नहीं होता वे दूसरों का इतिहास मिटाते चलते हैं।
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हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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