अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● 19 करोड़ महिलाओं के पेड वर्क फोर्स में लाने की तैयारी ● जीडीपी में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद
नई दिल्ली। आम चुनाव की घोषणा हुई है और इसी के बाद से सत्तारुढ़ पार्टी का उत्साह चरम पर है। मंत्रिमंडल की बैठक कर अगले पांच साल में सरकार के कामकाज की रूपरेखा या रोडमैप बनाती है सरकार। तो वहीं इकॉनामी को महिला केन्द्रित बनाने पर भी मंथन कर रही है। केन्द्र अब महिलाओं की अगुआई वाली आर्थिकी बनाने की तैयारी में है। वर्क फोर्स में महिलाओं की भूमिका को लेकर तैयार श्वेत पत्र के अनुसार देश में 47 करोड़ वयस्क महिलाओं में से 20 प्रतिशत महिलाएं वर्कफोर्स में हैं इसके साथ ही 80 फीसदी महिलाओं का योगदान अनपेड ( अवैतनिक) केयर गियर के तौर पर है।
यानी कि तीन चौथाई से भी बड़ा महिलाओं का हिस्सा एक तरह से अवैतनिक सेवा में है। यानी वे घर में बिना वेतन के देखभाल में लगी हैं। सरकार का प्रयास है कि 80 फीसदी ( 37 करोड़ ) में से 50 फीसदी को वर्क फोर्स में शामिल किया जाए। इससे सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी) में एक गणना के अनुसार 12- 14 प्रतिशत की वृध्दि संभावित है।
श्वेत पत्र तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन ( एफएलओ) की प्रमुख सुधा शिव कुमार ने निरंतर पहल को बताया कि अनपेड केयरगियर महिलाओं की जगह स्किल्ड केयरगिवर महिलाएं लाई जाएंगी। इससे वर्कफोर्स में पेशेवर महिलाओं का योगदान बढ़ेगा। भारत में महिलाओं का अवैतनिक केयर वर्क कुल जीडीपी का 15 प्रतिशत है। यदि भारत में जीडीपी का 2 प्रतिशत केयर इकॉनामी पर खर्च हो तो रोजगार के 1.10 करोड़ मौके पैदा होंगे। इनमें भी 70 प्रतिशत जॉब महिलाओं को मिलेगा।
पिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक विकसित देशों में अनपेड केयर गिवर महिलाओं की जगह स्किल्ड केयर गिवर रखने का चलन है। ये महिलाएं एक तो काम कर चुकी होती हैं और जॉब हासिल करने के पहले उनकी संबंधित काम के लिए ट्रेनिंग भी होती है। अपने काम को भली भांति समझने के कारण इनकी मांग भी होती है और इन्हें जॉब में रखने के बाद काम समझाना या सिखाना नहीं पड़ता। अमरीका, जापान, फ्रांस,इटली और स्पेन जैसे देशों में 80 प्रतिशत तक महिलाएं देश की अर्थ व्यवस्था में योगदान करती हैं।
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| दुनियाभर में 60 करोड़ महिलाएं अनपेड केयर वर्क में हैं श्वेत पत्र के अनुसार भारत समेत दुनियाभर में तीन चौथाई यानी 60 करोड़ 60 लाख महिलाएं अवैतनिक वर्क फोर्स में हैं। इस वजह से वे सब रोजगार के लिए उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। अकेले भारत में ऐसी महिलाओं की संख्या 37 करोड़ से अधिक है। दुनियाभर में महिलाओं का अवैतनिक केयर वर्क कुल जीडीपी का 9 फीसदी है। भारत में पेड और अनपेड महिला केयरगिवर का इकॉनामी में योगदान 15 प्रतिशत हो गया है। इन्हें स्किल्ड बनाया जाय तो अर्थव्यवस्था में इतना ही योगदान हो जाएगा। |
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■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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