अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• सीबीआइ ने तलब की प्रचार्य की कॉल डिटेल, सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई • शीर्ष कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान सीजेआई की पीठ सुनेगी मामला
पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि सीबीआई को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को हिरासत में लेकर पूछ्ताछ करनी चाहिए । सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने लिखा पूछताछ इसलिए ज़रूरी है ताकि पता चल सके कि महिला डॉक्टर की आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई? जहाँ से शव मिला था उस हाल की दीवार क्यों गिराई गई । 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया? राय नहीं 14 अगस्त की रात महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का भी खुला समर्थन किया था हालांकि तृणमूल के ही वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने राय की मांग का विरोध करते हुए कहा मैं भी न्याय का समर्थक हूँ पर गिरफ्तारी की मांग का विरोध करता हूँ। इसी बीच सांसद राय को पुलिस ने तलब किया है। उन पर मामले की जांच के बारे में सोशल मीडिया पर गलत जानकारी पोस्ट करने का आरोप है ।
कोलकाता पुलिस ने भाजपा की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और दो मशहूर डॉक्टरों को अफवाह फैलाने और महिला डॉक्टर की पहचान उजागर करने के लिए समन जारी किया है पुलिस ने 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है ।
पद्म सम्मान प्राप्त 71 डॉक्टरों ने मामले में न्याय की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से दोषियों के खिलाफ़ त्वरित व निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की है उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ़ मौखिक व शारीरिक हिंसा से निपटने के लिए अलग कानून की भी मांग की ।
सीसीआई ने गिरफ्तार आरोपी संजय राय की मनोवैज्ञानिक जांच की है। वहीं एजेंसी ने रविवार 18 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आपातकालीन वार्ड की जांच की और थ्री डी लेज़र मैपिंग भी की। 14 अगस्त की दरम्यानी रात भीड़ ने अस्पताल पर हमला कर इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की थी।
कोलकाता । आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल मामले में पीड़िता डॉक्टर के पिता का दावा है कि श्मशान में 3 शव रखे थे फिर भी उन्हें छोड़कर पहले उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया गया । उन्होंने कहा हम उस समय कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे । किसी ने भी यह नहीं कहा कि अभी अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए । उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की भूमिका को लेकर भी गहरी नाराजगी जताई है । मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी खुद सड़क पर उतरकर न्याय मांग रही हैं लेकिन जब दूसरे माँग रहे हैं तो उनको रोक रही हैं। उनको बंद करने की बात कह रही हैं। यह क्या बात हुई? सीएम का रवैया परेशान करने वाला है । यह भी कहा कि घटना वाले दिन विभाग और कॉलेज की किसी ने हमारा सहयोग नहीं किया। वे कहती आ रही है कि पूरा विभाग ही इसमें शामिल हैं ।
पीड़िता की माँ ने कहा कि शुक्रवार 16 अगस्त को सुबह अस्पताल से फ़ोन आया कि उनकी बेटी बीमार है और फ़ोन कट गया । और जब पूछा कि हमारी बेटी को क्या हुआ है। इस पर उन्होंने बताया कि मैं तो डॉक्टर नहीं हूँ वो ही बताएंगे कि क्या हुआ है। आप लोग आ जाइये। हम तुरंत घर से निकल गए। रास्ते में हमने जब पूछा कि क्या हुआ है तो हमसे उन्होंने पूछा कि क्या आप आ रहे हैं? उन्होंने कहा कि मैं असिस्टेंट बोल रहा हूँ आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है । हम अस्पताल पहुँच गए करीब 3:00 बजे के आसपास हमें हमारी बेटी को देखने दिया गया। हमने बेटी के शव को देखा । बहुत ही वीभत्स था । चादर से ढका हुआ था। आंख से खून बह रहा था। मुँह से खून निकल रहा था। बेटी को दिखाया गया था । मैंने उसी समय बोल दिया था कि मेरी बेटी की यह हालत देखकर कोई कह नहीं सकता कि मेरी बेटी ने आत्महत्या की है । उसे देखने से ही पता चल रहा था कि उसकी हत्या की गई है। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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