• 28 Apr, 2025

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले की मुन्नी बाई गोसाई के अंग अलग-अलग लोगों को मिलेंगे

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले की मुन्नी बाई गोसाई के अंग अलग-अलग लोगों को मिलेंगे

  • गंडई की मुन्नी गोसाई के लंबे  जीवन संघर्ष के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया था उसके बाद उनके परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया। इस क्रम में उनकी एक किडनी एम्स,  एक किडनी और लिवर  अस्पताल के मरीजों को दिया गया । आंखें अंबेडकर  चिककत्सालय को सौंपी गई और उनके फेफड़े पुणे की 45 वर्षीय महिला के  लिए  भेजे  गये।
मुन्नी के बेटे प्रकाश ने बताया कि पापा की  तबीयत ठीक नहीं थी इस झटके से  हमारी मां⁶  डिप्रेशन में थी इससे उनका बीपी और शुगर बढ़ गया था और उन्हें ऑक्सीजन की  जरूरत  पड़ने लगी थी  लेकिन गंडई में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी इस कारण  एम्बुलेंस से माँ को 10 अगस्त को रायपुर लेकर आए । शुरूआत में  उन्होंने  कहा  कि बेटा मैं  नहीं बच पाऊंगी । डॉक्टरों  ने कहा  कि  इन्हें  घर  ले  जाओ इनकी तबीयत में सुधार नहीं हो सकता।
 
कोमा का एन बी  टेस्ट  किया उसके बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया । माँ कहती थी कि मरने के बाद मेरे अंग दान कर देना ताकि और लोगों की जिंदगी गुलजार हो सके । इसके  बाद पापा, मैंने तीन अन्य भाइयों ने माँ के अंगदान का फैसला किया ।
  • लंग्स 
प्रकाश ने बताया कि अंगदान की  प्रक्रिया पूरी होने के बाद 12 अगस्त को  डॉक्टरों ने माँ  के अंग निकालना तय किया। इस बारे में एक क्षेत्रीय अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन एसओटीटीओ को बताया  गया । वी  वाइ  हॉस्पिटल  पिंपरी की 45 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपण  के लिए  चुना गया।डॉक्टर्स की टीम ने सोमवार 12 अगस्त की सुबह अंगदान वाले काम को  आगे बढ़ाया और के लंग्स को एंबुलेंस से पुणे  भेजा  गया । इसके लिए ग्रीन कॉररडोर बनाया गया था। एसओटीटीओ के मुताबिक  ये प्रदेश का पहला लंग डोनेशन आप्रेशन  भी  था। 
• 9 ब्रेन डेड कर चुके अंगदान
• किडनी 17
• लिवर 07
• लंग 01
• हार्ट वाल्व 01