• 28 Apr, 2025

छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को नही मिलेगी सरकारी नौकरी

छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को नही मिलेगी सरकारी नौकरी

• राज्य शासन ने जारी किया आदेश • मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को की थी घोषणा • राजस्थान के बाद यह दूसरा राज्य

रायपुर। महिला सुरक्षा पर छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके तहत अब बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिल सकेगी। इसे लेकर 11 सितंबर सोमवार को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ.कमलप्रीत सिंह ने एक आदेश जारी किया है।
 
    बताते चलें कि एक महीने पहले ही 15 अगस्त को राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में इस आशय की एक घोषणा पहले की थी। श्री बघेल ने कहा था कि महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबध्द है। हम जल्दी ही बालिकाओं, महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित करेंगे। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद इसे कैबिनेट में भी मंजूरी दे दी गई थी। इस मामले में अब आदेश जारी किया गया है। 

   जारी आदेश में सभी विभागों, राजस्व मंडल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवा में भर्ती हेतु ऐसे अभ्यर्थी जिनके विरुध्द बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध जो कि भारतीय दंड संहिता 1860 की धाराओं के अंतर्गत आते हैं और जिनके खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालिकाओं के संरक्षण अधिनियम ( पॉक्सो एक्ट) 2012 के तहत प्रकरण दर्ज हो तो उन्हें शासकीय सेवाओं और पदों पर प्रकरण का अंतिम निर्णय होने  तक प्रतिबंधित किया जाए। 

• महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने उपाय

राज्य सरकार ने यह दावा किया है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यवहारिक और विधिक आदि कई स्तरों पर काम किया गया है। इसके तहत प्रदेश के 547 थानों, चौकियों में महिला सेल की स्थापना की गई है। यहां पीड़ित महिलाएं निसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं ।  इसी तरह जिला स्तर पर हर जिले में महिला प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।  

 राज्य में चार बड़े जिले रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा में महिला थाने स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही राज्य के 6 जिलों में – रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ और जांजगीर-चांपा में महिला विरूध्द अपराध अनुसंधान ईकाई की स्थापना की गई  है। सरकार ने यह भी बताया कि राज्य सरकार के पुलिस विभाग द्वारा महिला सुरक्षा के लिए -अभिव्यक्ति ऐप भी लांच किया गया है। जिसके एक लाख 85  हजार से भी ज्यादा उपयोग करने वाले लोग हैं। 

  • आदेश का कड़ाई से पालन के निर्देश
    राज्य सरकार ने जारी निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा है। जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम 6 के उपनियम (4) में निम्नानुसार प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसे महिला के विरूध्द किसी अपराध का दोषी ठहराया गया हो, वह किसी सेवा या पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा। 

    परन्तु जहां तक किसी उम्मीदवार के विरूध्द न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला अंतिम निर्णय होने तक लंबित रखा जाएगा।