अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• बेरीकेड तोड़ डाले, पुलिस से हुई झड़प | • सरकार बनी तो सीबीआई से जांच कराएंगे |
रायपुर। विधानसभा चुनाव करीब है तो सियासी पार्टियां जंग के लिए वार्मअप कर रही हैं। इधर पीएससी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ छह महीनों के भीतर दूसरा बड़ा आंदोलन करने की कोशिश की। पहला आंदोलन युवाओं को साथ लेने बेरोजगारी के विरोध में था तो सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देकर उसकी हवा निकाल दी । अब पीएससी भर्ती में कथित गड़बड़ी के आरोप में 19 जून को आंदोलन किया गया। युवाओं को जोड़ने या सरकार के पाले से तोड़ने की यह भाजयुमो की यह दूसरी कोशिश थी।
भाजयुमों के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में 19 जून सोमवार को मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम आयोजित किया गया था। राजधानी रायपुर में सप्रे स्कूल के पास आयोजित सभा में सूर्या ने कहा कि यदि 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो हम पीएससी भर्ती की सीबीआई जांच कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन चार सालों से जिस तरह पीएससी में चयन हो रहा है उसे देखकर मैं यह दावे से कह सकता हूं कि देशभर में सबसे करप्ट और सबसे खराब पीएससी यदि कहीं है तो वह छत्तीसगढ़ में ही है। उन्होने कहा कि पीएससी यानी आजकल ‘पैसा सकेलो पार्टी’ हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनेगी तो वह सात बिंदुओं पर काम करेगी और पहले ही दिन से इन पर काम करना प्रारंभ भी कर देगी। आंदोलन को नारायण चंदेल, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम और रवि भगत आदि वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया।
• भरी गर्मी में भी बड़ी गर्मजोशी, देर शाम तक नारेबाजी
जून की तपती गर्मी और हल्की बदली और उमस के बाद भी भाजयुमों के कार्यकर्ता बड़े उत्साह से सड़कों पर जमें रहे । हजारों की संख्या में पूरे जोश से आंदोलन में शामिल भाजयुमों कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर पूरा जोर लगाया और कई जगहों पर पुलिस से हल्की झूमाझटकी भी हुई। मुख्यमंत्री निवास घेराव का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी देऱ शाम तक कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे।
• चुनाव सामने है इसलिए युवाओं को गुमराह कर रहेः सीएम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजयुमों के प्रदर्शन पर कहा कि वे पीएससी के परिणाम में एक भी गड़बड़ी या कमी नहीं बता पाए। किसी नेता या अधिकारी के बच्चे का सलेक्शन हुआ है तो उसमें कौन सा अपराध हो गया। चुनाव सामने है तो इसलिए युवाओं के गुमराह करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ नहीं। किसी भी अभ्यर्थी ने अब तर परीक्षा परिणाम के संबंघ में कोई शिकायत नहीं की है। उन्होने कहा कि बल्कि इससे पहले डॉ रमन सिंह के शासनकाल में जो परीक्षार्थी है वे राज्यपाल के पास गए थे , ईओडब्ल्यू के पास गए थे।
• युवाओं का भविष्य पंजा छाप अफसरों की झोली में –रमन सिंह
इस आंदोलन पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि सीएम बघेल ने युवाओं का भविष्य पंजा छाप अफसरों की झोली में डालने का काम किया है। आज प्रदेश के युवा सीएम बघेल के दरवाजे तक अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हुए पहुंचे हैं अब इस भ्रष्ट सरकार के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं।
• ये लड़ाई सत्ता नहीं युवाओं के सम्मान के लिए है- साव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि यह लड़ाई वोट के लिए नहीं , सत्ता के लिए नहीं बल्कि युवाओं के भविष्य, स्वाभिमान औऱ उनके सम्मान के लिए लड़ी जा रही है। पीएससी में गड़बड़ी करके कांग्रेस की सरकार ने जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है उसके खिलाफ है।
• दावे और आश्वासन-
सरकार बनी तो करवाएंगे ये सारे काम :-
दावे और आश्वासन-
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■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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