• 28 Apr, 2025

भाजपा खास मंत्रालय अपने पास ही रखेगी..

भाजपा खास मंत्रालय अपने पास ही रखेगी..

● गठबंधन सरकार में अनुचित मांगों पर नहीं झुकने का फैसला ● जदयू- टीडीपी को तीन-तीन और शिवसेना -एलजेपी को दो-दो पद देने का प्रस्ताव

नई दिल्ली । तमाम तरह के दावों और हुंकार के बाद भाजपा को पूर्ण बहुमत तो नहीं मिल सका कि वह स्वयं के बूते सरकार बना सके पर गठबंधन से बन रही सरकार के पहले हुए मंत्रणा में कहा जा रहा है कि भाजपा ने तय किया है कि वह अपने सहयोगी दलों को पर्याप्त सम्मान देते हुए भी खास मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास ही रखेगी। पिछली सरकार में गृह मंत्री रहे अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा   के आवास पर गुरुवार को हुई बैठक में तय किया गया है कि भाजपा  अपने घटक दलों की अनुचित मांगों के आगे नहीं झुकेगी और कैबिनेट की सुरक्षा मामलों से जुड़ी समिति (सीसीएस) से संबंधित रक्षा, वित्त, विदेश , गृह मंत्रालय  जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के अलावा शिक्षा, रेलवे, कानून और आईटी मंत्रालय अपने पास ही रखेगी, सूत्रों से पता चला कि इस बात पर बैठक में सहमति बनी है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार यह तय किया गया है कि किसी भी हाल में गैर जरूरी मांगें नहीं मानी जाएंगी। कहा गया है कि साझा सरकार को इस तरह बनाने की कोशिश होगी कि जिसमें एक ऐसा मंत्रिमंडल बनाने की है जिससे विकास के काम और महत्वाकांक्षी योजनाओं पर इसका कोई कुप्रभाव नहीं पड़े। नए कैबिनेट में एनडीए सहयोगियों का अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व करना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद टीडीपी को दिया जा सकता है।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी फिर प्रस्तावित संसदीय दल की बैठक से पहले भाजपा राज्यों और जातिगत समीकरणों को साधने वाले अपने मंत्रियों की सूची तैयार करेगी। चूंकि सहयोगी दलों का सरकार में भागीदारी बढ़ेगी तो जाहिर है ऐसे में भाजपा सांसदों के लिए नई सरकार में पहले की अपेक्षा कम अवसर शेष बचेंगे। पार्टी सूत्रों ने यह भी कहा कि नई सरकार के गठन में कमजोर दिखने से समर्थक वर्ग और सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। कई क्षेत्रीय दलों के बड़े नेता भी नहीं चाहेंगे कि उनकी पार्टी के किसी अन्य नेता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिले जिससे उनका कद बढ़े। 
 

  • भाजपा ने बनाया यह फार्मूला, टीडीपी सहमत

भाजपा की केन्द्र में बनने वाली साझा सरकार के लिए भाजपा ने जो फार्मूला बनाया है उसके अनुसार टीडीपी और जदयू को कैबिनेट का एक एक , राज्य मंत्री के दो पद, शिवसेना और  लोजपा (आर) को कैबिनेट और राज्यमंत्री का एक-एक पद,जद एस को कैबिनेट का एक पद, जनसेना , रालोद को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री का एक -एक पद, अपना दल और हम जैसी एक एक सीटे देने वाले दलों को भी बतौर राज्यमंत्री मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है। पार्टी सूत्रों  ने बताया  है कि इस फार्मूले पर टीडीपी ने सहमति दी है। भाजपा अब शीर्ष सहयोगी दलों के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत कर रही है।

  • विशेष आर्थिक पैकेज की चाहत है-

जद यू , शिवसेना, टीडीपी के लिए मंत्रिमंडल में खास पद हासिल करना प्राथमिकता नहीं है। इनके सर्वोच्च नेता केन्द्र से आर्थिक मामलों में मदद चाहेंगे,  जिनसे उनकी छवि बेहतर होगी। मसलन नीतीश , नायडू दोनों ही कद्दावर नेता है और वे दोनों ही विशेष आर्थिक पैकेज मांग सकते हैं। जाहिर है महाराष्ट्र के सीएम भी चाहेंगे राज्य में कोई बड़ी परियोजना लगे।

  • सहयोगियों के लिए इन मंत्रालयों के प्रस्ताव-

ग्रामीण विकास ,कौशल विकास, उद्योग, सड़क परिवहन , स्वास्थ्य कानून,वन एवं पर्यावरण , विज्ञान और प्रौद्योगिकी , स्टील, नागरिक उ्ड्डयन, पर्यटन सहित सामाजिक न्याय और आयुष आदि ...

  • जदयू ने सरकार बनने से पहले ही अग्निवीर योजना पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। पार्टी नेता के सी त्यागी ने कहा कि हमारी पार्टी ने भााजपा के नेतृत्व वाले एनडीए बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है।