• 28 Apr, 2025

आरबीआई गवर्नर ने कहा- बैंकिंग क्षेत्र में पैदा हो सकती है अस्थिरता

आरबीआई गवर्नर ने कहा- बैंकिंग क्षेत्र में पैदा हो सकती है अस्थिरता

 एनपीए से जुड़ी हकीकत छुपा रहे चुनिंदा बैंक  निर्देशों के बाद भी बैंकों के संचालन में खामियां  जमाकर्ताओं की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता रखें

नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैंकों को कार्पोरेट गवर्नेंस में कमियों की तो स्वीकृति नहीं है। समझा जा रहा है कि श्री दास ने यह बात लगभग चेतावनी के अंदाज में कही है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्देशों के बाद भी संचालन में खामियां मिल रहीं हैं और इन्हें समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो आगे चलकर ये बैंकिंग क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करेंगे। 
   बैंक कृत्रिम तरीके से वित्तीय प्रदर्शन को अच्छा दिखाने के लिए स्मार्ट एकाउंटिंग का उपयोग कर रहे हैं- यह बात भी श्री दास ने 29 मई सोमवार को बैंकों की मौजूदा काम करने के तरीके पर टिप्पणी करते हुए कही। उन्होंने कहा बैंक दबाव वाले कर्ज को लेकर वास्तविक स्थिति हमेशा ही छुपाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे  एक दूसरे के कर्ज को बेहतर दिखाने के लिए वे कर्ज की बिक्री और पुनर्खरीद का सहारा लेते हैं। दास ने कहा कि हमें किसी भी तरह की अस्थिरता से बचाव के लिए अमेरीका के बैंकिंग सेक्टर के संकट से सबक लेकर सतर्क रुख अपनाना होगा। यह स्थिति चिंताजनक है।
   गवर्नर श्री दास ने साफ-साफ कहा कि तमाम बैंक जमाकर्ताओं के पैसों से ही तो अपना व्यावसाय करते हैं। जमाकर्ताओं की रकम की सुरक्षा तो बैंक के निदेशक मंडल और प्रबंधन की सबसे पहली और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जाहिर है यह काम वित्तीय क्षेत्र के मजबूत हुए बिना संभव नहीं है।श्री दास ने मध्यवर्ग के जमाकर्ताओं के प्रति अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि केन्द्रीय रिजर्व बैंक इस बात की इजाजत नहीं दे सकता कि जनता  के पैसे पर कैसे सुरक्षा उत्पन्न हो।

न हो हितों का टकराव, बाधित होगी स्वतंत्रता ..

  • गवर्नर ने कहा कि व्यक्तिगत निदेशकों में हितों का टकराव तो नहीं होना चाहिए। इससे स्वतंत्रता बाधित होगी। हितों के संभावित टकराव की पहचान कर इससे निबटने के लिए नीतियां बनाना बोर्ड की जिम्मेदारी है। दास ने कहा कि यह जरूरी है कि स्वतंत्र निदेशक सचमुच ही स्वतंत्र हो और यह सिर्फ प्रबंधन से ही नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में भी। 
  • दास ने चेतावनी के अंदाज में कहा कि बैंकों के बोर्ड में सीईओ का दबदबा स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। बोर्ड की बैठक में सीईओ औऱ निदेशक के बीच संतुलन जरूर होना चाहिए। श्री दास ने कहा कि दोनों ही को बाहरी जोखिम पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए..
  • टिकाऊ वित्तीय प्रदर्शन के लिए बैंकिंग क्षेत्र को हमेशा तैयार रहना ही चाहिए। सशक्त सरकारी ढांचे की जरूरत किसी भी देश के बैंकिंग क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है। 
कराड ने कहा डिजिटल पर जोर दें बैंक कीमतों पर सरकार की नज़रः सीतारमण
बैंकिंग पर वित्त राज्यमंत्री भागवत के. कराड ने कहा है कि बैंकों को मौजूदा समय में डिजिटलीकरण पर ध्यान देने और एनपीए पर नजर रखने की जरूरत है। ईएसएएफ स्माल फायनासिंग बैंक के आंचलिक कार्यालय के उदघाटन के दौरान उन्होंने कहा  कि बैंकों को वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए।  वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार कीमतों पर नजर रख रही है। हम जमीनी स्तर पर सभी आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं। महंगाई लगातार पहले की अपेक्षा कम हो रही है और अप्रैल में तो यह घटकर पिछले 18 माह के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। 
  • चौथी तिमाही में घट सकती है रैपो दर ऑक्सफोर्ड इकॉनॉमिक्स का यह अनुमान है कि आरबीआई चालू वित्तवर्ष के चौथी तिमाही में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। कई ऐसे कारक हैं जिनके चलते बैंक अपने रुख को उदार कर सकता है। 
  • वैश्विक कंपनी ने कहा कि महंगाई नरम हो रही है। मौद्रिक नीति सीमित महंगाई के स्तर को देखकर अपने रुख में बदलाव लाएगी। अनुमान किया गया है कि यह साल के अंत से पहले ही होगा। 
  • ऑक्सफोर्ड इकॉनॉमिक्स ने कहा है- खरीदारी प्रबंधन सूचकांक ( परजेजिंग मैनेजर इंडेक्स) के आकड़े और मजबूत जीएसटी संग्रह जैसे आर्थिक संकेतक इस बात का संकेत देते हैं कि भारत में गतिविधियां अभी मजबूत हैं।