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• केन्द्रीय बिजली मंत्री ने कहा देश में तेजी से बढ़ रही है बिजली की खपत • दो महीने में बिजली का औसत मूल्य 8 रुपये प्रति यूनिट • 25000 मेगावॉट की थर्मल बिजली उत्पादन क्षमता निर्माण प्रक्रिया में
नई दिल्ली। देश में बिजली की मांग आशानुकूल बढ़ रही है। केन्द्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने 15 सितंबर शुक्रवार को कहा कि बढ़ती ऊजा खपत और मांग को देखते हुए कोयला आधारित बिजली उत्पादन क्षमता में 25000 से 30000 हजार मेगावॉट का और इजाफा संभव है। उन्होंने बताया कि यह 50 हजार मेगावॉट की निर्माणाधीन क्षमता के अलावा है।
उद्योग मंडल, (सी आई आई) कांफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के सम्मेलन में मंत्री श्री सिंह ने कहा कि देश में अभी 25 हजार मेगावॉट की कोयला आधारित बिजली उत्पादन क्षमता निर्माण प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त इतनी ही ऊर्जा की अतिरिक्त क्षमता स्थापित किये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और बिजली की मांग भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है जिसे पूरा करना होगा।
केन्द्रीय बिजली मंत्री ने कहा कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश में 25 से 30 हजार मेगावॉट बिजली की क्षमता और बढ़ाई जा सकती है। इसी महीने (सितंबर 2023) में बिजली की मांग 2,41000 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री श्री सिंह ने हालाकि कहा यदि हम 24 घंटे नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने में सफल हो जाते हैं तो हमें कोयला आधारित बिजली की क्षमता बढ़ाने की वैसी जरूरत नहीं रह जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत जल्दी ही भंडारण के रूप में हरित हाईड्रोजन का उपयोग करके 24 घंटे 100 मेगावॉट स्वच्छ बिजली उत्पादन के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू करेगा। सिंह ने कहा कि यहां सबसे सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा होने के कारण भारत हरित हाईड्रोजन और अमोनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा निर्यातक बन जाएगा। कहा कि देश ने पहले ही हरित हाईड्रोजन के लिए पर्याप्त विनिर्माण क्षमता हासिल कर ली है। इससे वह खुद को इस उभरते क्षेत्र में अगुवा के रूप में स्थापित कर रहा है। मंत्री ने कहा कि पिछले दो महीने में बिजली का औसत मूल्य 8 रुपये प्रति यूनिट रहा।
मंत्री ने कहा कि यदि हम हरित हाईड्रोजन भंडारण का उपयोग कर 24 घंटे नवीकरणीय ऊर्जा को 6 रुपये प्रति यूनिट पर ला देते हैं तो भविष्य नवीकरणीय ऊर्जा का ही होगा।
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