कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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5 करोड़ रुपए बांटने की कागजी प्रक्रिया पूरी , सीधे खाते में जमा होंगे पैसे। कोई ब्याज नहीं , अनुपात में बटेगी रकम। जिनके ज्यादा डूबे उन्हें आधे या उससे कम पैसे मिलेंगे
संवाददाता, निरंतर पहल / रायपुर
प्र देशभर में चिटफंड कंपनी से ठगे गए लोगों को अंततः सरकार राहत देने जा रही है। रायपुर में चिटफंड कंपनी देवयानी गोल्ड और निर्मल इंफ्रा के पीड़ितों के खाते में पैसे पहुंच जाएंगे। इन तीनों चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी की नीलामी से प्रशासन को पांच करोड़ रुपए मिले हैं कुछ टॉप कंपनी के पीड़ितों की पहचान करने के साथ यह हिसाब भी कर लिया गया है कि किसके कितने पैसे डूबे हैं। फिलहाल भुगतान शीट तैयार की जा रही है। पीड़ितों में 25000 तक जिसके पैसे डूबे हैं उन्हें पूरे- पूरे पैसे दिए जाएंगे। ज्यादा पैसे निवेश करने वाले पीड़ितों को 25 से 50 फ़ीसदी ही रकम लौटाई जा सकेगी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक छोटे निवेशक यानी 5,000 से 25000 तक जिनके डूबे हैं उन्हें पूरी रकम वापस की जाए कुछ काम बड़े निवेशक यानी जिन्होंने लाखों में निवेश किया है उन्हें कुल रकम का 25 से 50 फ़ीसदी ही लौटाया जाएगा ।
होगी अब प्रॉपर्टी की नीलामी
चिटफंड कंपनी साईं प्रकाश डेवलपमेंट की छत्तीसगढ़ ऑटो केयर के पास राजकुमार कॉलेज परिसर की नजूल जमीन के किसी एक हिस्से में बने दो महिला भवन के दूसरे फ्लोर पर स्थित 1000 वर्ग फुट की दुकान। मोनिका रियल स्टेट के नाम पर टिकरापारा में 72630 वर्ग फुट जमीन।
साईं प्रकाश डेवलपमेंट कंपनी की ही लालपुर रोड पर स्थित प्रोग्रेसिव पॉइंट पर 34 दुकानें।
एसपीएनजे लैंड प्रोजेक्ट एवं डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी की कोटा रायपुर में .0380 हेक्टेयर हीरापुर अभनपुर गोबरा नवापारा बेमेतरा की जमीन नीलाम होगी।
बीएनपी इंडिया इंश्योरेंस एंड इन्वेस्टमेंट इंडिया की छछानपैरी और टिकरापारा की जमीन नीलाम होगी।
10 करोड़ की प्रॉपर्टी की नीलामी भी जल्द
चिटफंड कंपनी साईं प्रकाश डेवलपमेंट की 10 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी नीलामी की अनुमति के लिए कलेक्टर ने प्रस्ताव जिला सत्र न्यायाधीश को भेज दिया है। कलेक्टर ने इस कंपनी की प्रॉपर्टी अप्रैल की 15 तारीख को कुर्की थी। हालत ये है कि इस कंपनी से रकम वापसी के लिए 18600 आवेदन तहसील में जमा हो चुके हैं।
सभी खातों में करेंगे आरटीजीएस
चिटफंड कंपनी के पीड़ितों को अपने पैसों के लिए अब तो ना कोई फॉर्म भरना होगा और ना ही किसी तरह की अर्जी देनी होगी। पैसे देने के लिए काउंटर पर भी लाइन नहीं लगानी होगी। पीड़ितों को पैसे आरटीजीएस के किए जाएंगे यानी रकम सीधे खाते में जमा होगी कुछ पीड़ितों से आवेदन के समय ही उनके नाम और पते के साथ बैंक खाते का पूरा डिटेल दे दिया गया था।
जितना निवेश किया उतना ही मिलेगा
प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि पीड़ितों को मूल्यांकन के बाद ही राशि लौटाई जाएगी। कंपनी ने पॉलिसी पूरी होने के बाद जितने पैसे देने का झांसा दिया था उतनी रकम नहीं मिलेगी ब्याज नहीं मिलेगा।
जिन तीन चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी नीलाम की गई है उनकी रकम बैंक खाते में जमा हो गई है। अगले हफ्ते तक पैसे पीड़ितों के खाते में पहुंच जाएंगे।
- सौरभ कुमार, कलेक्टर रायपुर
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