• 28 Apr, 2025

छत्तीसगढ़ में आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथ पेन किलर मिलाकर बेच रहे

छत्तीसगढ़ में आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथ पेन किलर मिलाकर बेच रहे

● दो साल में 9 कंपनियां पकड़ में आईं, 10 करोड़ की दवा की गई जब्त, 11 गिरफ्तार

रायपुर। आयुर्वेद की जाइंट पेन की दवाओं में एलोपैथ पेल किलर मिलाकर बाज़ार में बेचने की खबर मिली है। इसके बाद से खाद्य औषधि विभाग ने पिछले दो साल में इस संबंध में  कार्रवाई की और 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 9 कंपनियों के सैंपल में इस बात की पुष्टि हुई है।  बताया गया कि विभाग ने करीब 10 करोड़ रुपये की इस तरह की मिलावटी दवा जब्त की है।

  अधिकतर दवाओं के जब्ती के बाद आरोपियों ने कोर्ट में औषधि प्रयोगशाला की रिपोर्ट को गलत ठहराया। इसके बाद  उक्त दवाएं सेंट्रल ड्रग लाइब्रेरी कोलकाता भेजी गईं। वहां जब्त किए गए 11 में से 9 की रिपोर्ट में  डाइक्लोफेनक सोडियम जैसी एलोपैथ के पेन किलर होने की पुष्टि हुई है। चौकाने वाली बात यह है कि इन सभी में पेन किलर दवाओं की इतनी मात्रा मिली है जो सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। कहा गया है कि इतनी मात्रा में पेन किलर मिलाया गया है कि यदि इन दवाओं को कोई लगातार 6 महीने तक खाता है तो किडनी फेल हो सकती है। 

  हाल में ही विधानसभा बजट सत्र में भी आयुर्वेद दवाओं में मिलावट का मुद्दा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कौशिक ने उठाया था। उनके पूछे गए प्रश्न पर सरकार  ने भी माना था कि आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक पेन किलर मिलाई जा रही है। दो साल से इस संबंध में 9 मामले कोर्ट में चल रहे हैं अभी तक किसी एक में भी सजा नहीं सुनाई गई है।

  • 12 नकली दवाएं भी पकड़ी गईं-

दो साल में 12 नकली दवाओं के प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं। इनमें 2021 में नकली सेनेटाइजर के 6 मामले सामने आए थे। इन नकली दवाओं के बारे में आरोप है कि इन्हें कथित रूप से आशीष गोयल और अशोक अग्रवाल मिलकर बनाते थे। इसके अलावा सर्जिकल प्लस हैंड सेनेटाइजर राकेश और ताराचंद सोमानी बना रहे थे जिनके बार में कहा गया है कि इनके  भी नकली होने की पुष्टि हो चुकी है। वर्ष 2022 में फेवीमैक्स-400 नामक दवा भी नकली होने के प्रमाण के बाद पकड़ी गई थी। इनमें ज्योति अग्रवाल, पूजा अग्रवाल और आत्माराम अग्रवाल जैसे करीब 14 आरोपियों के नाम सामने आये थे।  इसी तरह 2023 में भी वायटीएम वाताहरी  वटी की नकली दवाओं का बड़ा  जखीरा पकड़ा गया था। इसके अलावा गाइटगोल्ड कैप्सूल के भी नकली होने की पुष्टि के बाद इसका भी जखीरा बरामद किया गया था। बताया गया कि इसमें ताराचंद चितलागिंया और यश उपाध्याय दो लोग दोषी पाए गए थे। 
 

रायपुर समेत 3 जिलों से पूरे प्रदेश में फैल रहीं है ये दवाएं

विभाग की शिकायत पर जांच एजेंसी ने पाया कि रायपुर, बालोदाबाज़ार और राजनांदगांव से यह रैकेट ऑपरेट हो रहा है। दो साल में इन्हीं जिलों में आयुर्वेद के अंदर एलोपैथी की दवाओं के मिलावट के प्रकरण पाए गए हैं। बालोदाबाज़ार में 5, रायपुर में 4 और राजनांदगांव में 2 प्रकरण दर्ज किये गए हैं। पकड़ी गई दवाएं गठिया,ज्वाइंट पेन के उपचार के लिए थीं।  इसमें दावा किया गया था कि इनसे बीमारी ठीक होती है।