नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
● इस तरह छात्रों में करुणा, सेवा और दान का संस्कार दिया जा रहा |
रायपुर। नन्हें बच्चों में संस्कार के बीज स्कूल से ही बोने की नई और सुंदर पहल हो रही है । शहर के बीच एक ऐसा निजी स्कूल भी है जो इस तरह से बच्चों को संस्कारित करने में लगा है कि उनमें उनके कोर्स के अतिरिक्त भी कुछ इस तरह की चीजें शामिल की जाएं कि वे आगे चलकर केवल नौकरी पाने योग्य शिक्षा से लेस ही न रहें बल्कि एक संपूर्ण मनुष्य बन सकें, जिनमें करुणा, दया, सेवा और दान जैसे संस्कारों का समावेश भी हो। इसके तहत रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित वीर छत्रपति शिवाजी स्कूल के बच्चों को रोज अपने टिफिन में गाय के लिए एक रोटी अतिरिक्त लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । इसमें कोई बाध्यता नहीं रखी गई है।
इस सुंदर पहल का असर है कि पहली से 12 वीं तक के बच्चे गाय के लिए अपने लंच बाक्स में एक रोटी या पराठा जरूर लेकर आ रहे हैं। शुरूआत में ऐसा करने वाले विद्यार्थियों की संख्या सीमित थी फिर अपने साथियों और सहपाठियों को देख बाकी के बच्चे भी प्रेरित होकर अनुसरण करने लगे। वे स्कूल परिसर में प्रवेश करते ही सबसे पहले गेट के पास रखे एक बाक्स में एक -एक रोटी डालते चलते हैं। ऐसा नियमित होता है। इस तरह रोजाना ही करीब 700 रोटियां जुट जाती हैं जिसे दोपहर के बाद शाला प्रबंधन गोशाला पहुंचा देता है।
इस पहल का एक और पहलु यह भी है कि गर्मी की छुट्टियों में भी स्कूल के आसपास रहने वाले बच्चे स्कूल आकर बाक्स में रोटी पहुंचा जाते हैं। स्कूल में पहले पहल तो तीन फिट का एक ही बाक्स रखा गया था। कहने पर भी शुरुआत में गिनती के बच्चे ही रोटी लेकर आते थे। फिर एक दूसरे को देख वे सभी इसका अनुसरण करने लगे। स्कूल दो पालियों में लगता है और इस स्कूल की एक अन्य शाखा भी है। पहले स्कूल में एक ही बाक्स रखा गया था पर बच्चों में उत्साह को देखते हुए एक अतिरिक्त बाक्स भी रखा गया है इस तरह एक शाखा में दो बाक्स और दूसरी शाखा में भी दो बाक्स रखे गए हैं। इस तरह रोज ही चार बाक्स में रोटियां एकत्र होती हैं।
एक रोटी गाय के लिए.... स्कुल के डायरेक्टर मुकेश शाह ने बताया कि जिस जगह पर गाय की रोटी के लिए बाक्स रखा गया है वहां की दीवार में गौ-माता की पेंटिंग भी बनाई गई है। उस पर संदेश लिखा है -एक रोटी गाय के लिए.... बस सभी बच्चों में समानता हो इसलिए लंच के दौरान सभी को जमीन पर बिछी दरी में बैठ कर लंच करने कहा जाता है और टिफिन में साधारण खाना रोटी -सब्जी ही लाने पर जोर दिया जाता है। |
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■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
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