अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● पिछले पांच साल में 23 विधानसभा चुनाव में से 18 में पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की ● सरकारी योजनाओं में भी 81 फीसदी तक हिस्सेदारी ● एसबीआई रिपोर्ट - 2047 तक कुल मतदान में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से 10 फीसदी ज्यादा हो सकती है।
नई दिल्ली । लोकतांत्रिक व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका निर्णायक होने लगी है। राजनीति में महिलाएं अब किंगमेकर की भूमिका में आ चुकी हैं। पिछले पांच सालों में 23 राज्यों में चुनाव हुए जिनमें से 18 में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा ही रहा। इन 18 में से 10 प्रदेशों में सरकार रिपीट हुई और 8 में बदल गई। स्टेट बैंक के इकॉनामिक रिसर्च डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट में ये निष्कर्ष साामने आए हैं ।
सरकारी योजनाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। मसलन स्टैंड अप इंडिया में महिलाओं की भागीदारी 81 फीसदी, मुद्रा लोन में 68 फीसदी और पीएम धन-जन योजना में 56 फीसदी है। आम चुनाव में भी महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहा। 2004 के मुकाबले 2019 में महिलाओं का वोट प्रतिशत करीब 12 प्रतिशत और पुरुषों का 3.5 फीसदी बढ़ा है। एक अनुमान के मुताबिक 2047 तक करीब 92 करोड़ लोग वोट देंगे जिनमें 50.6 करोड़ महिलाएं और 49.4 प्रतिशत पुरुष होंगे।
असर - महिलाओं पर केन्द्रित सरकारी योजनाएं बढ़ रही हैं..
| मनी मेकर्स - इकोनॉमी में 23 लाख करोड़ रुपये महिलाएं जोड़ रहीं..
| रफ्तार - वोट डालने वाली महिलाएं दस साल में 7 करोड़ बढ़ीं हैं...
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■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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