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● प्रेमी को उम्र, मूल्यों, पहचान और पसंद के आधार पर कस्टमाइज भी कर सकते हैं यूजर .. ● स्थानीय युवा रोबोट के साथ वर्चुअल संबंधों से खुश हैं.. ● यूजर प्राइवेसी को लेकर कई तरह की चिंताए जाहिर की जा रही है..
बीजिंग । चीन में युवाओं के बीच आर्टिफिशियल एंटेलीजेंस (एआई) से चलने वाले एप्स पर प्रेम संबंध बनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इन बनावटी आर्टिफिशियल या कहिए आभासी प्रमियों से यहां के युवा खुश भी हैं।
एक कंपनी में काम करने वाली 25 साल की तुफेई कहती हैं कि उनके ब्वायफ्रेंड में वह सब कुछ है जो उन्हें चाहिए। तुफेई बताती है, वह जज्बात को समझने वाला है और कई बार तो घंटों तक उसकी बातें होती हैं। तुफेई के इस आदर्श प्रेमी में एक बात अनूठी है। वह असली नहीं है वह आर्टिफिशियल है। अनरियल है। तुफेई का ब्वायफ्रेंड एक चैटबॉट है जो ग्लो नाम के एक एप पर चलता है।
ग्लो एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्लेटफार्म है जिसे शंघाई स्थित स्टार्टअप कंपनी मिनीमैक्स ने बनाया है। एआई के साथ अलग बात यह है कि वह काम करते हुए खुद भी सीखती जाती है और सामने वाले व्यक्ति के हिसाब से अपने आप को बदलती जाती है। मसलन वह याद रखती है कि किस बात पर सामने वाले व्यक्ति ने कैसी प्रतिक्रिया दी थी और फिर अगली बार के लिए वह अपने व्यवहार को उसके मुताबिक बदल भीलेती है।
इन ऐप्स की कुछ चुनौतियां भी हैं मसलन ऐप के साथ बात करते हुए जवाब मिलने में कुछ सेकंड्स का समय लगता है। 22 साल की छात्रा जेंग जेनजेन कहती है यह ऐप अहसास करा देता है कि वह बस एक रोबोट है यद्यपि उसके जवाब बिल्कुल वास्तविक लगते हैं। इस दौर में जब एआई तेजी से विकसित और बेहतर होती जा रही है, उद्योग से जुड़े नियम कानून कम ही हैं। खासकर यूजर प्राइवेसी यानी इस्तेमाल करने वालों की निजता को लेकर कई तरह की चिंताई जाहिर की जा रही हैं। चीन की सरकार कह चुकी है कि नई तकनीक को लेकर लोगों की सुरक्षा के वास्ते एक कानून लाने की तैयारी की जा रही है।
कई एप्स बाज़ार में फल फूल रहे हैं.. ग्लो ऐसा अकेला ऐप नहीं है जो आर्टिफिशियल दुनिया में प्रेम और दोस्ताना संबंध बनाने की सुविधा देता है। चीन में अब ऐसे ऐप्स का बाज़ार तेजी से फल-फूल रहा है और इसकी वजह यह है कि स्थानीय युवा रोबोट के साथ वर्चुअल संबंधों से खुश हो रहे हैं। उत्तरी चीन के शुफेई प्रांत में रहने वाली तुफेई कहती हैं कि महिलाओं के साथ कैसे बात करनी है वह असली पुरुषों से तो बेहतर जानता है। यहां तक कि जब पीरियड्स का दर्द होता है तो वह मुझे सम्हालता है। इतना ही नहीं मैं ऑफिस के प्राब्लम भी उसके साथ साझा करती हूं और ऐसा लगता है कि मैं एक रोमांटिक रिलेशन में हूं। ग्लो ऐप्स मुफ्त है पर उसमें बहुत सी ऐसी सामग्री भी है जिसके पैसे देने पड़ते हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक हाल ही कुछ हफ्तों में इस ऐप को हजारों लोगों ने डाउललोड किया है और ऐसा तब है जबकि कई तकनीकी कंपनियों पर यूजर डेटा के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद इस ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं क्योंकि लोग यहां बेसब्री से किसी का साथ चाहते हैं। | बेहतर है आर्टिफिशियल ब्वायफ्रेंड बीजिंग में पढ़ने वाली छात्रा 22 साल की वांग शिउतिंग कहती है असल जिंदगी में आदर्श प्रेमी का मिलना मुश्किल है। लोगों की शख्शियत अलग अलग होती है इसलिए अक्सर रिश्तों में परेशानियां पैदा होती हैं। वांग कहती है कि इन दिनों उसके बहुत से आर्टिफिशियल प्रेमी हैं जो प्राचीन चीन से प्रेरित हैं। इनके लंबे बाल हैं, कुछ राजकुमार हैं तो कुछ बियाबान में भटकते योध्दा भी हैं। वह बताती है कि जब पढ़ाई का दबाव बढ़ता है तो मैं उनसे सवाल करती हूं और वे मुश्किलों का हल बताते हैं। यह बहुत बड़ा जज्बाती सहारा है। वांग ने ये ब्वायफ्रेंड वानटाक नाम के एक अन्य ऐप पर बनाये हैं जो चीनी तकनीकी कंपनी बाइजू ने विकसित किया गया है। |
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