सुप्रीम कोर्टने कहा- बिना सहमति संबंधों को माना दुष्कर्म तो नष्ट होगी विवाह संस्था
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नई दिल्ली। नीट की परीक्षा में कथित तौर पर हुई धांधली की जांच की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एस वी एन भट्टी की पीठ ने केन्द्र सरकार और एनटीए को साफ अगर नीट परीक्षा में 0.0001 फीसदी भी गड़बड़ हुई है तो उसे स्वीकार करे। गलती फौरन दूर करे और संबंधित पर कार्रवाई करे। पीठ ने कहा कि हम आपसे समय पर कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने इस बारे में दाखिल की गई नई याचिका पर केन्द्र सरकार और एनटीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस याचिका को भी नीट की अ्न्य य़ाचिकाओ क साथ ही टैग कर दिया है। अब इसकी अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। जस्टिस भट्टी न एनटीए के वकीलों से कहा कल्पना करें कि यदि आपका उपचार करने वाला सिस्टम की खामी का लाभ उठाकर डॉक्टर बना हो । ऐसा डॉक्टर न सिर्फ आपके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए हानिकारक है। जस्टिस भट्टी ने कहा कि बच्चों ने कड़ी मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी की थी। हम उनकी मेहनत को भूल नहीं सकते। भले ही गलती आपसे हुई हो या अन्य किसी से उसे स्वीकार करना चाहिए।
जस्टिस भट्टी ने एनटीए से कहा कि एक सरकारी एजेंसी के रूप में आप परीक्षा आयोजित करते हैं। आपको यह काम निष्पक्ष होकर करना चाहिए। जस्टिस भट्टी ने एनटीए को कहा कि एक सरकारी एजेंसी के रूप में आप परीक्षा आयोजित करत हैं आपको यह काम निष्पक्ष होकर करना चाहिए। अगर कोई गलती हुई है तो हां कहिए और बताइये कि यह गलती हुई है और इसे हम इस पर कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम हमें और लोगों को इससे आपके प्रदर्शन पर तो भरोसा होगा। आप इन सब मामलों को विरोधात्मक मुकदमेंबाजी के रूप में न देखें। याचिका कर्ता नितिन विजय के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि हम बिहार पुलिस, गुजरात पुलिस और विभागीय जांच की स्थिति की रिपोर्ट भी चाहते हैं। जस्टिस नाथ ने कहा कि आप 8 जुलाई को अदालत के समक्ष तर्क पेश करें।
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● एक राष्ट्र एक छात्र- अपार आई डी योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा ● आई डी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिए आसानी से उपलब्ध होगी ● कक्षा पहली से 12 वीं तक हर विद्यार्थी की बनेगी अपार आई डी ● सबसे पहले 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों का बनेगा ● बच्चों की शारीरिक प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी रहेगी इसमेंं ● स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश
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