अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• भारत ने इतिहास रच दिया • यह युध्द का युग नहीं है.. • बड़ी कूटनीतिक जीत, रूस और चीन समेत सभी सदस्य नई दिल्ली घोषणापत्र पर सहमत
नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन में इतिहास रचते हुए आम सहमति से भारत ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूर करा लिया। विशेष बात यह है कि घोषणापत्र में यूक्रेन युध्द की चर्चा होने के बावजूद रूस और चीन जैसे बड़े राष्ट्रों ने भी इसे मंजूरी दी।
घोषणापत्र में पीएम नरेन्द्र मोदी के चर्चित उध्दरण को जगह दी गई है जिसमें उन्होंने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से कहा था कि -यह युध्द का युग नहीं है। घोषणा पत्र में परमाणु हमला या हमले की धमकी को भी अस्वीकार्य बताया गया है। इसे पिछले साल की पुतिन की धमकी से जोड़ कर देखा जा रहा है जब यूक्रेन युध्द के दौरान उन्होंने पश्चिम के देशों को परमाणु हमले की परोक्ष चेतावनी दे डाली थी।
सम्मेलन के दूसरे दिन पीएम मोदी ने शनिवार 9 सितंबर को दूसरे सत्र की बैठक के दौरान शीर्ष नेताओं को बताया कि साझा घोषणापत्र पर सभी पक्षों की सहमति बन गई है। यदि वहां मौजूद सदस्य सहमत हों तो उसे मंजूर कर लिया जाए। इस पर सभी मौजूद सदस्यों ने अपनी रजामंदी दी इसके बाद पीएम मोदी ने इसे मंजूर करने की घोषणा कर दी। कहा जा रहा है कि साझा घोषणापत्र भारत की बड़ी जीत है क्योंकि इसमें यूक्रेन युध्द और जववायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को शामिल करने पर चीन व रूस लगातार आपत्ति जता रहे थे। एक दिन पहले शुक्रवार 9 सितंबर तक इस पर सहमति नहीं बनने के बाद घोषणापत्र में यूक्रेन से जुड़े मुद्दे का पैराग्राफ खाली छोड़ दिया गया था।
इसके बाद दूसरे दिन के दूसरे सत्र में भारत ने इन मुद्दों पर एक बार फिर प्रयास किया जिससे आम सहमति बनी और न सिर्फ साझा घोषणापत्र जारी हुआ बल्कि यूक्रेन युध्द, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, आर्थिक चुनौतियां, हरित विकास और आतंकवाद समेत तमाम मुद्दे शामिल किये गए।
कहा जा रहा है कि इस बार चीन की कूटनीति भारत के सामने धरी रह गई। यूक्रेन युध्द समेत जलवायु परिवर्तन व दूसरे विषयों पर बाधा डाल कर चीन साझा घोषणा पत्र लटकाना चाहता था। हालांकि युक्रेन युध्द पर प्रस्ताव के बहाने भारत ने दूसरे देशों की संप्रभुता और अखंडता के सम्मान के आह्वान से चीन के विस्तार वादी एजेंडे को भी एक तरह से जवाब दिया है।
जी -20 ने दुनिया से लैंगिक असमानता दूर करने पर सहमति जताई। घोषणापत्र में कहा है अर्थव्यवस्था की निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की सम्पूर्ण, समान, प्रभावी और अर्थपूर्ण भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। ब्रिसबेन लक्ष्य हासिल करने के लिए समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास होगा।
साफ ईंधन का उपयोग बढ़ाने के लिए सम्मेलन में भारत ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के आगाज़ की घोषणा की। साथ ही वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रण को बढ़ाकर 20 फीसदी तक करने की अपील के साथ सदस्य देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया।
घोषणापत्र में कुल 9 दफ़ा आतंकवाद का जिक्र हुआ है। इसमें नस्ल, धर्म, विश्वास, दूसरों से भय और किसी भी आधार पर दहशतगर्दी की निंदा की गई है। सदस्य देशों ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा निरूपित किया है। सभी सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कदम उठाने के लिए वित्तीय कार्रवाई (एफएचटीएफ) की जरूरत के अनुसार संसाधन बढ़ाने पर सहमति जताई।
घोषणापत्र में – धरती, यहां के लोग, शांति और समृध्दि वाले खंड में चार बार यूक्रेन युध्द की चर्चा है, पर रूस का नाम भी नहीं लिया गया है। कहा गया कि यूक्रेन युध्द के संबंध में हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा में अपनाये गए प्रस्तावों को दोहराया। रेखांकित किया, सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिध्दांतों के अनुरूप ही काम करना चाहिए। किसी भी दूसरे देश की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन, धमकी या बल प्रयोग से बचना चाहिए। कहा गया कि आज के समय में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी से बचना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 8 सितंबर को जी -20 शिखर सम्मेलन स्थल पर भारत मंडपम में मेहमानों के लिए भव्य रात्रि भोज का आयोजन किया गया जिसमें मोटे अनाज से बने व्यंजन और कश्मीरी कहवा परोसा गया। राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रात्रिभोज शुरू होने से पहले एक मंच पर अतिथियों का भव्य स्वागत किया और इसकी पृष्ठभूमि में नालंदा महाविहार ( नालंदा विश्वविद्यालय ) की तस्वीर थी।
यूक्रेन युध्द से विश्वास में कमी आई- मोदी
पीएम मोदी ने सम्मेलन की शुरूआत करते हुए कहा कि कोरोना काल में आए परस्पर विश्वास के कमी को यूक्रेन युध्द ने और गहरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर कर हमें फिर से एक दूसरे का खोया विश्वास अर्जित करना होगा। वैश्विक भलाई के लिए यह वक्त हम सबके साथ आने का है। पीएम मोदी ने सबसे पहले मोरक्को त्रासदी में प्रभावित लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन घड़ी में पूरा विश्व समुदाय उनके साथ है।मोदी ने कहा अगर हम कोरोना जैसी बीमारी को मात दे सकते हैं तो इससे उपजी विकास की कमी की चुनौती को भी चित कर सकते हैं।
चीन को जवाब- भारत पश्चिम एशिया -यूरोप संपर्क गलियारा चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशियेटिव के जवाब में भारत को जी-20 में बड़ी कामयाबी मिली है। भारत, पश्चिम एशिया और योरोप के बीच के संपर्क गलियारे को जल्द लांच किया जाएगा। इस गलियारे की घोषणा अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी इटली और योरोपीय संघ के नेताओं ने जी -20 शिखर सम्मेलन से इतर संयुक्त रूप से की। देशों ने भारत पश्चिम एशिया, यूरोप आर्थिक गलियारे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। जिससे एशिया अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच बढ़ी हुई कनेक्टीविटी और आर्थिक एकीकरण के माध्यम से आर्थिक विकास प्रोत्साहित होने की उम्मीद है। इस पहल को विभिन्न देशों के नेताओं ने ऐतिहासिक बताया है जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी शामिल थे। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359