कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
● ईओडब्ल्यू, बालोद पुलिस के बाद केन्द्रीय एजेंसी सक्रिय
रायपुर। सीजीपीएससी में पिछले दिनों हुए बड़े गोलामाल के आरोपों के बाद शुरू हुई जांच के बाद सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (सीजीपीएससी) की 2019-2022 भर्ती में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने रविवार की छूट्टी होने के बाद भी 14 जुलाई को नवा रायपुर स्थित पीएससी दफ्तर में तलाशी ली और कुछ दस्तावेज जब्त किये। इसी के बाद सोमवार 15 जुलाई को एजेंसी ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के रायपुर और भिलाई स्थित ठिकानों पर तथा सचिव के घरों दफ्तरों में छापेमारी की है।
बताया गया है कि जैसे ही सोमवार 15 जुलाई को सोनवानी को सीबीआई के आने की सूचना मिली वे वैसे ही वे अपने गांव सर्वदा से निकल गए थे। कहा गया कि तभी से उनका कुछ पता नहीं है। सीबीआई टीम पीएससी दफ्तर से उसी दिन रात आठ बजे बाहर निकली। बताया गया कि वहां से ओएमआर शीट, कंप्यूटर और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिये हैं। परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों की डिजिटल जानकारी भी ले गए हैं।
इस मामले में सोनवानी के सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक सहित कई अफसरों-नेताओं पर सीजी सीबीआई हेडऑफिस के अधिकारी एस एन जाट ने 9 जुलाई को केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ईओडब्ल्यू और बालोद पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईओडब्ल्यू ने पूर्व गृह मंत्री की ननकी राम कंवर की शिकायत पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि भर्ती में आपराधिक षड्यंत्र करते हुए प्रभावशाली लोगों ने अपने -अपने पुत्र-पुत्रियों और निकट संबंधियों का चयन सुनिश्चित किया गया है और सुपात्र उम्मीदवारों के नाम जो परीक्षा में उत्तीर्ण हो रहे थे उनके नाम काट कर रिश्तेदारों के नाम जोड़ दिए गए हैं। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने जालसाजी के साथ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है।
सीबीआई ने केस दर्ज करने के लिए ईओडब्ल्यू के 2 फरवरी को दर्ज एफआईआर और बालोद के अर्जुंदा थाने में दर्ज कैस को आधार बनाया है। पूर्व गृहमंत्री कंवर ने ईओड्ब्ल्यू में सीजीपीएससी की 2019ृ-2022 तक आयोजित भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी भर्ती के अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर जैसी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप हैं। हद तो तब दिखी जब एक सेंटर के कुल 50 अभ्यर्थियों में से 37 का चयन हुआ है। ताज्जुब है।
रायपुर। सीजी-पीएससी 2021 परीक्षा में नियम कायदों को दरकिनार कर दिया गया। सरकार से इतर की गई पड़ताल से पता चला कि तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों के परीक्षा में शामिल होने के बाद भी खुद को चयन प्रक्रिया यानी साक्षात्कार बोर्ड से अलग नहीं किया था । वे बोर्ड का हिस्सा बने रहे। उनके तीन साल तीन महीने के कार्यकाल में एक भतीजा डिप्टी कलेक्टर, एक बहू आबकारी अधिकारी और उनकी बहन की बेटी श्रम अधिकारी बनीं। एक अखबार ने इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थियों से इस बारे में बात की तो चयनित अभ्यर्थियों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि जिस बोर्ड ने इंटरव्यू लिया उसमें सोनवानी मौजूद थे। भले ही वे अपने रिश्तेदारों के इंटरव्यूह वाले बोर्ड में नहीं थे पर वे किसी ने किसी रूप में बोर्ड में शामिल थे। पीएससी के पहले के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में उनका दखल स्वाभाविक है।
मेरिट लिस्ट में सबसे ऊपर के 20 नामों में सोनवानी के भतीजे नितेश का नाम था, जिसे डिप्टी कलेक्टर का पद आवंटित हुआ था। पर मेरिट लिस्ट में केवल नितेश लिखा था और उपनाम की जगह खाली थी। जबकि प्री 2018 की परीक्षा में नितेश सोनवानी लिखा था। जन्म तिथि 12 सितंबर 1992 दर्ज है कहा जा रहा है कि बस यहीं से ही सारा मामला और संदेहास्पद हो गया। नितेश पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भाई का बेटा है। सर्वदा गांव के लोग नितेश को सोनवानी का दत्तक पुत्र कहते हैं। नितेश का गांव में अक्सर आना जाना रहता था।
पीएससी 2021 की मेरिट लिस्ट 11 मई 2013 को जारी की गई। इस सूची के जारी होते ही बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इसे भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ विस में सबसे बड़ा मुद्दा बना दिया। इतना बड़ा मुद्दा की पीएम नरेन्द्र मोदी तक ने हर चुनावी सभा में कहा कि हमारी सरकार आएगी तो इस मामले की जांच करवाएंगे। हालांकि इस मामले में एफआईआर में हो रही देरी से अभ्यर्थी, परिजन और कोंचिंग संचालक लगातार सवाल पूछ रहे थे कि एफआईआर कब होगी। अब जब कि एफआईआर हो गई है तो उनका कहना है कि अब भरोसा हो गया है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी।
- आर.एस. विश्वकर्मा, पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पीएससी |
सीबीआई के एफआईआर में सोनवानी समेत 18 के नाम ईओडब्ल्यू ने पीएससी की 2020 -2021 की भर्ती में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 के लिए परीक्षा ली थी। कहा गया है कि इन्हीं दो भर्तियों को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू की एफआईआऱ में तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी के बेटे, बहू और अन्य के नाम थे। सीबीआई की ताजा एफआईआर में 18 नाम हैं। सोनवानी के बेटे नितीश, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहु दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी,पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव,राज्यपाल के सचिव अमित खलको की बेटी नेहा, बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी,कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार प्रॅज्ञा नायक, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका,मंत्री के ओएसडी के साढू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता के बेटे राजेन्द्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेन्द्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम और मीनाक्षी गनवीर शामिल हैं। |
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
■ एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने में लग सकता है समय ■ एससीआर में रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग- भिलाई, कुम्हारी, चरौदा, आरंग, पाटन, खरोरा, तिल्दा अभनपुर होंगे शामिल
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