अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
Congress ko Jhatka : विधानसभा चुनाव में बुरी तरह कांग्रेस हारी अब पल- पल सब कुछ खोने की राह पर है।
रायपुर, 09 मार्च। Congress ko Jhatka : विधानसभा चुनाव में बुरी तरह कांग्रेस हारी अब पल- पल सब कुछ खोने की राह पर है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव दो चरणों में हुआ था। 7 नवंबर और 17 नवबंर 2023 को मतदान हुआ और परिणामों की घोषणा 3 दिसंबर को घोषित हुई। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से लेकर आम कार्यकर्ता तक का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है।
सभी का आरोप एक ही है- कांग्रेस पार्टी पर तुष्टीकरण की राजनीति, शीर्ष नेतृत्व की ओर से उपेक्षा, छोटे-छोटे नेताओं की भरमार आदि तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां नेता, मंत्री और कार्यकर्ता कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ रहे हैं। जिस तरह से उनके पार्टी को सब त्याग रहे है, उससे अब उन्हें आत्म मंथन की आवश्यकता है।
और यही वजह है कि एक ही दिन में तीन कद्दावर नेताओं और मंत्रियों ने पार्टी छोड़ दी है। सबसे पहले पूर्व विधायक चुन्नी लाल साहू और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष चौलेश्वर चंद्राकर के इस्तीफे के बाद चंद्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस को तीसरा झटका दिया है।चन्द्रशेखर शुक्ला ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को लिखे पत्र में प्रदेश महासचिव पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। निःसंदेह अब कांग्रेस आलाकमान को इस ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
चंद्रशेखर शुक्ला ने भी अन्य कांग्रेसियों की तरह पत्र के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने अपने जीवन के बहुमूल्य और श्रेष्ठ समय अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिकाओं के साथ पार्टी को समर्पित किया। लेकिन पार्टी अपनी मूल विचारधारा से हट कर तुष्टीकरण की दिशा में कार्य करने लगी।
चंद्रशेखर शुक्ला ने अपनी बारम्बार उपेक्षा और अपमान से मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि इन पदों में काम करना मेरे लिये दुश्वर है। निवेदन है कि मुझे प्रदेश महामंत्री के पद से भार मुक्त कर मेरा इस्तीफा (Congress Trouble) स्वीकार करें।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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