• 28 Apr, 2025

नक्सलवाद खत्म करने ओडिशा से छत्तीसगढ़ आएंगे 3 हजार जवान-

नक्सलवाद खत्म करने ओडिशा से छत्तीसगढ़ आएंगे 3 हजार जवान-

● माओवादियों के अंतिम गढ़ों में अभियान तेज करने की रणनीति

नई दिल्ली। केन्द्र की सरकार देश के कई राज्यों में लगभग नासूर बन चुके नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक साथ ही कई मोर्चो पर काम कर रही है। जैसा कि विदित है कि छत्तीसगढ़ का उत्तरी हिस्सा बस्तर और दक्षिण का हिस्सा सरगुजा लम्बे समय से नक्सल समस्या से जूझते रहे हैं जिसमें सरगुजा में तो इनकी गतिविधियां थम गई हैं पर दक्षिणी हिस्से बस्तर में आंध्र -तेलंगाना के जंगलों से जुड़े रहने के कारण सक्रियता बनी हुई है। इन पर अंकुश के लिए ओडिशा से बीएसएफ के 3 तीन बटालियनें जिनमें 3 हजार  से अधिक कर्मचारी हैं छत्तीसगढ़ लाए जाएंगे। 
 
    इसके अलावा इतनी ही संख्या में आईटीबीपी की इकाइयां नक्सलियों के गढ़ अबूझमाढ़ में जाएंगी जिससे कि इनके माओवादी विरोधी अभियान तेज किया जा सके। छत्तीसगढ़ की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी में नक्सलियों के करीब
800 -900 सक्रिय कैडर हैं जबकि ओडिशा में - कंधमाल-कालाहांडी- बौध - नयागढ़ ( केकेबीएन)  डिविजन के तहत सीपीआई माओवादी की ताकत केवल 242 सक्रिय कैडरों से कम हो गई है।

  • सीमा के पार से काम कर रहे-

अबूझमाड़ या बाघ के जंगलों में लगभग 35000 के करीब आबादी है। इनमें मुख्य रुप से आदिवासी ही हैं जो 237 गांवों में रहते हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में कोई स्थायी केन्द्र या राज्य पुलिस बेस नहीं है। सशस्त्र माओवादी कैडर राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में छ्तीसगढ़-ओडिशा सीमा से पार से यहां काम कर रही है और प्रशिक्षण  ले रहे हैं।

  • देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबध्द - गृहमंत्री शाह

यह नई पहल इस अभियान का हिस्सा है जिसके तहत - केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में ही घोषणा  की थी कि हम देश से नक्सलवाद को खत्म करने के कगार पर हैं। शाह ने झारखंड के हजारीबाग में बीएसएफ के 59 वें स्थापना दिवस पर एक दिसंबर को जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि हम देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबध्द है। बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी जैसे बलों द्वारा वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इन  बलों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीपीएफ) कहा जाता है।